by admin on | Jun 29, 2024 09:51 AM
रायपुर :- कांग्रेस शासनकाल में स्वास्थ्य विभाग के सीजीएमएससी ने मोक्षित कॉरपोरेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की राजकोष को किस तरह से खाली किया है ये महज दो साल के ऑडिट रिपोर्ट में सामने आया है। गड़बड़ी का आंकड़ा छोटी रकम नहीं है, गड़बड़ी की रकम इतनी बड़ी है कि इस राशि से पहाड़ खड़ा हो सकता है। अगर सही तरीक, से जांच हो तो अधिकारी से लेकर मंत्री तक जांच की आंच में आएंगे। ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक करोड़ों की गड़बड़ी की गई है। लेखा परीक्षा की टीम की आरे से सीजीएमएससी की सप्लाई दवा और उपकरण को लेकर वित् वर्ष 2022-24 और 2023-24 के दस्तावेज़ को खंगाला गया तो कंपनी ने बिना बजट आवंटन के 660 करोड़ रुपये की खरीदी की थी, जिसे ऑडिट टीम ने पकड़ लिया है। ऑडिट में पाया गया है कि पिछले दो सालों में आवश्यकता से ज्यादा खरीदे केमिकल और उपकरण को खपाने के चक्कर में नियम कानून को भी दरकिनार किया गया। जिस हॉस्पिटल में जिस केमिकल और मशीन की जरूरत नहीं वहां भी सप्लाई कर दिया गया। प्रदेश के 776 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों सप्लाई की गई, जिनमें से 350 से अधिक ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ऐसे हैं, जिसमें कोई तकनीकी, जनशक्ति और भंडारण सुविधा उपलब्ध ही नहीं थी। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा हमने जांच दल गठित कर दिया है.। चार से पांच आईएएस लेवल के अफसर जांच कर रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट आएगी, उसके आधार पर हम कार्रवाई करेंगे। इस मामले में जिस कंपनी ने दवा और उपकरण सप्लाई की थी उसका करीब 360 करोड़ से ज़्यादा रुपये का भुगतान रोक दिया गया है। बता दें कि एक वेबपोर्टल के मुताबिक सीजीएमएससी में 6 सौ करोड़ की हेराफेरी हुई है।