अंबिकापुर- 15 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महामना मालवीय मिशन सरगुजा के तत्वावधान में अध्यात्मिक समागम गीता पाठ का आयोजन किया गया। डीसी रोड निवासी पार्षद टीनी सिंह के निवास स्थान पर स्वामी तन्मयानंद महाराज के सानिध्य में गीता के अध्याय दो का सस्वर पाठ और प्रासंगिक प्रसंगों पर नगर के विद्वानों द्वारा विचार व्यक्त किया गया।
स्वामी तन्मयानंद ने भारतवर्ष की वर्तमान परिदृश्य और भारतीय राजनीति की दिशा तथा गीता ज्ञान विषय पर पर विचार व्यक्त करते हुए कहा की हमारे राष्ट्र की गतिविधियों पर सम्पूर्ण विश्व का नजर है। विश्व के तमाम शक्तिशाली देश के राजनेता भारतवर्ष के ओर देख रहे हैं कारण कि यहां हर दिन कुछ न कुछ नया हो रहा है। सनातन संस्कृति के तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ा है, अंबिकापुर नगर में महामना मालवीय मिशन के द्वारा विगत तेरह वर्षों से प्रति रविवार को आध्यात्मिक संगोष्ठी एवं गीता पाठ का आयोजन होना हम सभी के लिए गौरव की बात है। गीता पाठ में सहभागी सभी लोगों पर सतोगुण का प्रभाव है। और जहां सतोगुण का प्रभाव होता है वहां साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारे सभी महापुरुषों ने गीता के आदर्शों को अपनाया। गीता कर्म करने का सीख देती है पर कर्मों में परायणता और निष्ठा होनी चाहिए। हम जो कर रहे हैं वह समाजहित राष्ट्रहित, जनकल्याण तथा विश्व कल्याण की दृष्टि से कितना यथोचित है व्यक्ति को इस पर विचार करना चाहिए। ऐसी भावना जब व्यक्ति में आ जाये तो वह कभी गलत कर्म नहीं करेगा।
मालवीय मिशन के सदस्यों ने गीता का पुस्तक भेंट कर स्वामी जी का सम्मान किया। पं. ललित मोहन तिवारी, ब्रम्हाशंकर सिंह, दुर्गा प्रसाद तिवारी राजकुमार गुप्ता ने सविस्तार द्वितीय अध्याय पर अपना विचार रखा। कार्यक्रम का संचालन पं. राज नारायण द्विवेदी ने बड़े रोचक तरीके से मार्मिक प्रसंगों के साथ किया। आभार प्रदर्शन करते हुऐ संस्था के महासचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा की किसी भी समाज को जब-जब संतों का सानिध्य मिला है तो वह समाज उारोार प्रगति के शिखर की ओर अग्रसर हुआ है। स्वामी जी के आभार प्रदर्शन के लिए हमारे पास कोई शद नहीं है हमें तो इनसे आशीर्वाद चाहिए। ऐसे संतों का अंबिकापुर नगर में निवास करना हमारे सौभाग्य को रेखांकित करता है । कार्यक्रम में आरएन अवस्थी, हरिशंकर सिंह, माधव शर्मा, रणविजय सिंह तोमर, अशोक सोनकर, बीएल गुप्ता, हरमिंदर सिंह बाबरा सहित परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।
स्वामी तन्मयानंद ने भारतवर्ष की वर्तमान परिदृश्य और भारतीय राजनीति की दिशा तथा गीता ज्ञान विषय पर पर विचार व्यक्त करते हुए कहा की हमारे राष्ट्र की गतिविधियों पर सम्पूर्ण विश्व का नजर है। विश्व के तमाम शक्तिशाली देश के राजनेता भारतवर्ष के ओर देख रहे हैं कारण कि यहां हर दिन कुछ न कुछ नया हो रहा है। सनातन संस्कृति के तरफ लोगों का आकर्षण बढ़ा है, अंबिकापुर नगर में महामना मालवीय मिशन के द्वारा विगत तेरह वर्षों से प्रति रविवार को आध्यात्मिक संगोष्ठी एवं गीता पाठ का आयोजन होना हम सभी के लिए गौरव की बात है। गीता पाठ में सहभागी सभी लोगों पर सतोगुण का प्रभाव है। और जहां सतोगुण का प्रभाव होता है वहां साकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। हमारे सभी महापुरुषों ने गीता के आदर्शों को अपनाया। गीता कर्म करने का सीख देती है पर कर्मों में परायणता और निष्ठा होनी चाहिए। हम जो कर रहे हैं वह समाजहित राष्ट्रहित, जनकल्याण तथा विश्व कल्याण की दृष्टि से कितना यथोचित है व्यक्ति को इस पर विचार करना चाहिए। ऐसी भावना जब व्यक्ति में आ जाये तो वह कभी गलत कर्म नहीं करेगा।
मालवीय मिशन के सदस्यों ने गीता का पुस्तक भेंट कर स्वामी जी का सम्मान किया। पं. ललित मोहन तिवारी, ब्रम्हाशंकर सिंह, दुर्गा प्रसाद तिवारी राजकुमार गुप्ता ने सविस्तार द्वितीय अध्याय पर अपना विचार रखा। कार्यक्रम का संचालन पं. राज नारायण द्विवेदी ने बड़े रोचक तरीके से मार्मिक प्रसंगों के साथ किया। आभार प्रदर्शन करते हुऐ संस्था के महासचिव सुरेन्द्र गुप्ता ने कहा की किसी भी समाज को जब-जब संतों का सानिध्य मिला है तो वह समाज उारोार प्रगति के शिखर की ओर अग्रसर हुआ है। स्वामी जी के आभार प्रदर्शन के लिए हमारे पास कोई शद नहीं है हमें तो इनसे आशीर्वाद चाहिए। ऐसे संतों का अंबिकापुर नगर में निवास करना हमारे सौभाग्य को रेखांकित करता है । कार्यक्रम में आरएन अवस्थी, हरिशंकर सिंह, माधव शर्मा, रणविजय सिंह तोमर, अशोक सोनकर, बीएल गुप्ता, हरमिंदर सिंह बाबरा सहित परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।