by admin on | Jan 16, 2024 11:30 AM
नई दिल्ली: डॉक्टर्स का घायल मरीज का इलाज करने से मना करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी अस्पताल के चार डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। पुलिस घायल को एक अस्पताल से दूसरे लेकर जाती रही लेकिन कहीं उसका इलाज नहीं हुआ। जिसकी वजह से आखिरकार उसकी मौत हो गई। घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती करने से इंकार करने पर जीटीबी और एलएनजेपी के चार डॉक्टर्स पर अब कार्रवाई हो सकती है। मामले में दो डॉक्टरों को निलंबित जबकि दो अन्य डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है।
डॉक्टर्स ने पुलिस द्वारा घायल अवस्था में लाए गए एक व्यक्ति को भर्ती करने से इंकार कर दिया था। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने प्रस्ताव में ‘सहानुभूति और प्रोफेशनलिज्म की कमी’ का हवाला देते हुए डॉक्टर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। केजरीवाल ने डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी के लिए अब उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेज दिया है।
यह मामला तीन जनवरी का है, जिसमें पुलिस की चलती वैन से एक व्यक्ति कूद गया था। पुलिस उक्त व्यक्ति को एक मामले में हिरासत में लेकर जा रही थी। चलती पुलिस वैन से कूदने से उस व्यक्ति को गंभीर चोटें आई थीं। पुलिस गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को जग प्रवेश चंद्र अस्पताल ले गई। लेकिन वहां से उसे जीटीबी रेफर कर दिया गया। जब पुलिस उसे जीटीबी लेकर आई तो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस घायल को लेकर एलएनजेपी पहुंची, लेकिन यहां भी डॉक्टर ने घायल को भर्ती करने से इंकार कर दिया। समय पर इलाज नहीं मिलने से घायल की मौत हो गई। जांच में दोनों अस्पतालों के दो-दो डॉक्टर दोषी पाए गए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कार्रवाई की फाइल एलजी को भेज दी है।