छत्तीसगढ़ Sarguja

छात्रावास नहीं, “सरकारी उपेक्षा तीर्थ” चलिए दर्शन करने पाराघाटी.

by admin on | Jun 12, 2025 03:41 PM

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छात्रावास नहीं, “सरकारी उपेक्षा तीर्थ” चलिए दर्शन करने पाराघाटी.

*रायगढ़ : छात्रावास नहीं, “सरकारी उपेक्षा तीर्थ” चलिए दर्शन करने पाराघाटी...!*

*?‍♀️ बेटियाँ क्यों रखी गई हैं हॉस्टल में? शायद इसलिए कि :*

*“स्वच्छ भारत” यहाँ जाकर शर्मिंदा हो गया।*

* उन्हें पता चल सके भ्रष्टाचार का स्वाद कैसा होता है।

* वे सीख सकें कि “जिंदा रहने के लिए सरकारी उपेक्षा को कैसे पचाया जाता है।”

* और क्योंकि प्रशासन को “बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का नया तरीका” मिल गया है : “उन्हें खुद ही अपनी शिकायत लिखना सिखा दो, फिर खुद ही सुनवाई करना!”

*भोजन योजना – Zero से भी नीचे के कैलोरी चमत्कार!*

* दो किलो आलू से जब 47 बच्चियाँ पेट भर सकती हैं, तो भारत का नोबेल पुरस्कार तय समझिए!

* चावल ऐसा है जो दिखता नहीं,

* दाल का रंग ऐसा कि पता नहीं पानी है या आंसू।

* सब्ज़ी? कल्पना कीजिए, वही पर्याप्त है।

*प्रशासन का मानना है: “भूख लगने का इलाज भूखा रहना है।”*

*छात्रावास भवन – ‘टाइम बम’ विद ब्रोकन प्लास्टर!*

* छत ऐसी कि कोई दिन विशेष पर अपने आप गिफ्ट दे दे – ईंटों की बारिश!

* दीवारें सरकार के वादों की तरह – धीरे-धीरे ढहती हुईं।

* फर्श ऐसा, जिस पर चलने से पहले बच्चियाँ प्रार्थना करती हैं – “हे छत्तीसगढ़ माता, बचा लेना!”

*भवन की हालत देख UNICEF और ASI दोनों कन्फ्यूज़ हैं - “ये विरासत है या भविष्य की हत्या?”*

*स्टाफ – बहुउद्देश्यीय ‘प्रभु’ जो कभी दिखते नहीं!*

* इनसे पूछो बच्चियाँ क्यों रोती हैं –

जवाब मिलेगा: “इमोशनल हैं जी।”

* कहो खाना नहीं मिला –

जवाब: “डायटिंग करा रहे हैं।”

* शिकायत करो –

जवाब: “अभी देख लेते हैं” (2022 से जारी प्रक्रिया)।

*इंचार्ज महोदय, आप सच में “व्यंग्य कथा के नायक” हो।*

*? शौचालय – किसी ज़माने का स्मारक!*

* पानी की जगह ‘भक्ति’ से सफाई

* बदबू ऐसी कि आंखें खोलने से बेहतर आंख बंद रखना

* बच्चियाँ अंदर जाती नहीं, योगा करती हैं - मूवमेंट कंट्रोल के लिए।

*“स्वच्छ भारत” यहाँ जाकर शर्मिंदा हो गया।*

*सूचना पट्ट – एक बार था, अब उसका भूत है।*

बच्चियों के नाम तो हैं, पर नंबर गायब

क्या कोई भूत संपर्क करने से रोक रहा है, या ये “गोपनीयता की सरकार योजना” है? “बेटियाँ रहें, रोएँ, घुटें बस किसी को पता न चले। यही शासन की डिजिटल चुप्पी है।”

*? पुरस्कारों की सूची: (व्यंग्य श्रेणी में)*

* महिला एवं बाल विकास “बच्चियों के खिलाफ उत्कृष्ट चुप्पी सम्मान”

* DEO “ऑफिस में रहकर निरीक्षण करने की अंतरात्मा रत्न”

* PWD “भवन निर्माण में आत्मघाती आर्किटेक्चर अवॉर्ड”

*? सरकार की तरफ़ से संभावित बयान (Coming soon):*

* ❝ हमें जानकारी नहीं थी।❞

* ❝ हमने संज्ञान ले लिया है।❞

* ❝ जाँच कमेटी गठित कर दी गई है – रिपोर्ट अगले युग में आएगी।❞

* ❝ बच्चियाँ सुरक्षित हैं – हम WhatsApp पर जांच कर रहे हैं।❞

*? जनता की आवाज़ :*

* “इतना अत्याचार तो जेल में नहीं होता।”

* “बेटियाँ पढ़ने भेजे थे, जंग झेलने नहीं।”

* “हमें शर्म आती है कि हम चुप हैं।”

अब नहीं बोला गया, तो अगला हॉस्टल भी यही हाल होगा।

*"कुछ कहानियाँ अधूरी नहीं छोड़ी जातीं... पाराघाटी कन्या छात्रावास में पार्ट 2 का आगाज़ बहुत जल्द !"*

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