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2 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार, कोर्ट ने एक आरोपी को 20 साल तो दूसरे को 10 साल सश्रम कारावास की दी सजा

by NEWS EDITOR on | Jul 13, 2024 04:21 PM

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2 नाबालिग लड़कियों से बलात्कार, कोर्ट ने एक आरोपी को 20 साल तो दूसरे को 10 साल सश्रम कारावास की दी सजा

बैकुंठपुर. : अपर सत्र न्यायालय एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ ने 2 नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर बलात्कार  करने वाले 2 आरोपियों को सजा सुनाई है। पहले प्रकरण में कोर्ट ने आरोपी को 20 साल सश्रम कारावास जबकि दूसरे प्रकरण में आरोपी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोनों ही मामलों में वर्ष 2021 में आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया था। रिपोर्ट पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

विशेष लोक अभियोजक जीएस राय ने बताया कि एक नाबालिग पीडि़ता 1 सितंबर 2021 को सुबह स्कूल जाने के नाम से घर से निकली थी। वह शाम तक घर नहीं लौटी तो परिजनों ने उसकी हर संभव जगह खोजबीन की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। इसके बाद उन्होंने मामले की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई थी।इस दौरान पता चला कि आरोपी शनि कुमार बैगा पिता रामदास बैगा (19) निवासी ग्राम डिडवरिया पाली जिला उमरिया मध्यप्रदेश के कब्जे में पीडि़ता है। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर नाबालिग को बरामद किया था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और शारीरिक संंबंध बनाया इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ 366, 376, 376(2)(ढ) एवं धारा 5(ठ),6 पॉक्सो एक्ट की अतिरिक्त धाराएं जोड़ी। साथ ही जांच कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। मामले में अपर सत्र न्यायालय एफटीएससी(पॉक्सो) ने सुनवाई कर आरोपी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(ठ), 6 में 20 साल सश्रम कारावास, धारा 366 में 3 साल सश्रम करावास की सजा सुनाई है।दूसरे आरोपी को 10 साल की मिली सजा वहीं दूसरे मामले में अपर सत्र न्यायालय एफटीसी मनेंद्रगढ़ ने नाबालिग से बलात्कार के दूसरे प्रकरण में आरोपी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष अभियोजक जीएस राय ने बताया कि प्रकरण 11 मई 2021 का हैपीडि़ता ने थाना में बताया था किआरोपी अमर धनवार उर्फ अमर सारथी पिता स्व रामजियावन (21) शादी का झांसा देकर उसे अपने साथ ले गया था। यहां उसने उसके साथ बलात्कार किया। रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में धारा 363, 366, 376, 342 एवं पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत अपराध दर्ज कर जांच रिपोर्ट न्यायालय को सौपा था। 

न्यायालय ने प्रकरण में  आरोपी को धारा 366 में 3 साल सश्रम, धारा 342 में एक साल सश्रम, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(ठ), 6 में 10 साल सश्रम कारावास, धारा 366 में 10 साल सश्रम करावास की सजा सुनाई है।

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