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पौष्टिक आहार से मिटेगा कुपोषण, पोषण माह अंतर्गत हुआ विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम

by admin on | Sep 27, 2024 03:02 PM

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पौष्टिक आहार से मिटेगा कुपोषण, पोषण माह अंतर्गत हुआ विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम

अम्बिकापुर -: 27 सितंबर 2024। सूचना व प्रसारण मंत्रालय का  भारत सरकार, के केन्द्रीय संचार ब्यूरो अंबिकापुर द्वारा अंबिकापुर विकासखंड के ग्राम करजी में गुरुवार को “पोषण माह“ अंतर्गत एक दिवसीय विशेष जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जनपद पंचायत सदस्य अनिल राजवाड़े, ग्राम सरपंच प्रदीप जुवाड़ी, सहित महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी रजनी कुजूर, स्वास्थ्य विभाग से बीएमओ डॉ. राहुल कुशवाहा एवं अन्य मेडिकल स्टाफ तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।


अंबिकापुर ब्यूरो प्रभारी हिमांशु सोनी ने पोषण सम्बन्धी जानकारी देते हुए कहा कि एक स्वस्थ शरीर के लिए उसमें सही मात्रा में हीमोग्लोबिन का होना आवश्यक है। एक वयस्क आदमी के शरीर में 14 से 18 मिलीग्राम और वयस्क महिला के शरीर में 12 से 16 मिलीग्राम हीमोग्लोबिन हो, तभी ये कहा जा सकता है कि उनके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर सही हैं। शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर कई सेहत समस्याएं होती है, जैसे थकान, कमजोरी, सांस फूलना आदि। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आपके आहार में ऐसी चीजें शामिल हों, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने व बनाए रखने में मदद करें। विभिन्न तरह की बीमारियों से लड़ने के लिए हमारे शरीर में आयरन बेहद जरूरी है। हिमोग्लोबिन के कम होने से अनीमिया जैसी बीमारी हो सकती है। शरीर में आयरन फोलिक ऐसिड और विटामिन बी की कमी से हमारा हीमग्लोबिन लेवल घटता है, जिसके चलते हमें थकान और कमजोरी महसूस होती है।  

महिला व बाल विकास की परियोजना अधिकारी रजनी कुजूर ने कहा कि कुपोषण को जड़ से मिटाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में सुपोषण अभियान चलाया रहा है। उन्होंने कहा कि कुपोषण मिटाने के लिए बच्चों की माताओं को जागरूक होना पड़ेगा। जन्म से लेकर ढाई साल तक बच्चे के खानपान में बरती गई लापरवाही का खामियाजा उम्रभर भुगतना पड़ सकता है। 6 माह के बाद बच्चे को संक्रामक बीमारी की संभावना शुरू हो जाती है। बीमारी की चपेट से बच्चे को बचाने के लिए साफ सफाई का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

कार्यक्रम के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से स्थानीय आंगनबाड़ी के कार्यकर्ताओं द्वारा रेडी टू ईट के विभिन्न व्यंजनों का स्टॉल भी लगाया गया था, जिससे लोगो में पोषण संबधी जागरूकता आ सके। साथ एक सेल्फी जोन भी बनाया गया था जिसमे लोगों ने जम कर सेल्फी ली। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा सिविर का भी आयोजन किया गया था। साथ एक पोषण सम्बन्धी फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें छोटे-छोटे बच्चों ने बढ़दृचढ़ कर हिस्सा लिया। महिलाओं के मध्य “पोषण“ विषय पर एक मेहंदी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया जिसमे महिलाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान बिलासपुर “छ.ग. लोक कला मंच मया के मयारू” के कलाकारों द्वारा गीत एवं नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया।


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