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शंकराचार्य निश्चलानंद बोले- अस्तित्व की रक्षा के लिए जरूरत पड़े तो शस्त्र बल का भी करना चाहिए प्रयोग

by admin on | Sep 27, 2024 07:47 PM

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शंकराचार्य निश्चलानंद बोले- अस्तित्व की रक्षा के लिए जरूरत पड़े तो शस्त्र बल का भी करना चाहिए प्रयोग

  • शंकराचार्य निश्चलानंद बोले- अस्तित्व की रक्षा के लिए जरूरत पड़े तो शस्त्र बल का भी करना चाहिए प्रयोग
  • तीन दिवसीय प्रवास पर अंबिकापुर पहुंचे शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती, पत्रकारों से चर्चा के दौरान कही बड़ी बात 
  • हिंदुस्तान में सनातन बोर्ड बनाने की अब है जरूरत 
  • राजनीति व राजनीतिज्ञों पर विचार देते हुए कहा देश की राजनीति बैसाखी पर चल रही...
  • शासन की सहभागिता से धर्म परिवर्तन का चल रहा काम

आदित्य गुप्ता 

अंबिकापुर:गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी तीन दिवसीय प्रवास पर शुक्रवार 27 सितंबर को प्रातः दुर्ग ट्रेन से अंबिकापुर पहुंचें। अंबिकापुर के बीएसएनल कार्यालय रोड स्थित हरी मंगलम परिसर में दर्शन संगोष्ठी व पत्रकार वार्ता में शामिल होकर पत्रकारों की चर्चा के दौरान कई सवालों के जवाब उन्होंने बेबाक अंदाज में दिया। 

हिन्दू भी केवल अहिंसा के पक्षधर होंगे तो अपने अस्तित्व की रक्षा कैसे कर पाएंगे? आवश्यकता पडऩे पर शस्त्र का प्रयोग करते रहना हैं। सनातन धर्म में ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र भी हैं। इसमें शिक्षा, रक्षा, सेवा संतुलित रहे। अस्तित्व की रक्षा के लिए आवश्यकता हो तो शस्त्र बल का भी प्रयोग करना चाहिए। उक्त बातें शुक्रवार को अंबिकापुर स्थित हरिमंगलम में आयोजित दर्शन, दीक्षा एवं संगोष्ठी कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा के दौरान शंकराचार्य निश्चचलानंद सरस्वती ने कही। तीन दिवसीय प्रवास पर अंबिकापुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धर्म परिवर्तन को लेकर कहा कि सनातन धर्म दर्शन, विज्ञान, व्यवहार तीनों दृष्टियों से परिणूर्ण है। सेवा के नाम पर हिन्दूओं को धर्म परिवर्तन का जघन अपराध चल रहा है और यह कार्य शासन की सहभागिता के कारण हो रही है। कुछ धर्म विशेष का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि सेवा के नाम इनके द्वारा शोषण किया जा रहा है। सिद्धांतों, आध्यात्म की रक्षा करने से भारत संपन्न होगा। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य के बाद से अब तक सनातन परम्परा को लोगों ने कुचलने का ही प्रयास किया है।

युवाओं को योग्यता के अनुसार नहीं मिल रही नौकरी

युवाओं द्वारा किए जा रहे आत्महत्या के बारे में उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा में योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिलने के कारण लोग आत्महत्या कर रहे हैं। प्राइवेट कंपनियों में भी नौकरी की होड़ मची हुई है।

हिंदुस्तान में सनातन बोर्ड बनाने की अब है जरूरत 

सनातन बोर्ड के सवाल पर उन्होंने कहा कि बोर्ड है ही नहीं, चार शंकराचार्य हैं। बोर्ड बनाने की आवश्यकता पहले से ही है। शासन तंत्र इसकी उपयोगिता को समझे। सुसंस्कृति, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न, सेवा प्रायिण, स्वस्थ्य, अभिकर्तव्य, समाज की संरचणा यही राजनीति की परिभाषा है।

राजनीति व राजनीतिज्ञों पर स्वामी जी के विचार कहा देश की राजनीति बैसाखी पर चल रही...

जगतगुरु ने देश की राजनीति व राजनीतिज्ञों पर भी अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि देश में नेताओं का वैचारिक पत्तन हो रहा है। आज देश की राजनीति बैसाखी पर चल रही है। उनका इशारा केंद्र सरकार की ओर था जो नीतिश व नायडू की बैसाखी के भरोसे संचालित होना बताया। शंकराचार्य ने कहा कि देश की राजनीति काजल की कोठरी के समान है। मठ मंदिर शासन का तंत्र बन गया है। देश में किसी भी दल की सत्ता हो मंदिर, देवस्थान इनके दिशा-निर्देश पर चलते हैं। जबकि धर्मनिरपेक्ष सरकार को धार्मिक मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है। अयोध्या में रामलला के मंदिर के प्राप्ण प्रतिष्ठा पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षाओं के कारण मंदिर का उद्घाटन किया गया और विधिवत प्राण प्रतिष्ठा न होने के कारण मंदिर को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

धर्म परिवर्तन को लेकर जगतगुरु ने कहा कि हर हिंदू परिवार एक रुपये का योगदान दे जिसका उपयोग सार्थक धार्मिक कार्य में हो। लोग सनातन का गंभीरता से पालन करें। इससे धर्म परिवर्तन पर काफी हद तक अंकुश लगेगा।

आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा की समिति ने दी जानकारी 

आज 28 सितंबर को प्रातः 11 से 2 बजे व शाम 5 से 8 बजे तक दर्शन और दीक्षा कार्यक्रम संपादित करेंगे। 29 सितंबर रविवार को शंकराचार्य खरसिया रोड स्थित नारायणी परिसर में 11 से 2बजे तक धर्म सभा में शामिल होंगे के जहां संगोष्ठी उपरांत भंडारे का आयोजन भी किया गया है। वे रात्रि 9 बजे जगन्नाथ पुरी मठ के लिए प्रस्थान करेंगे। उनके आगमन पर शंकराचार्य स्वागत समिति अंबिकापुर द्वारा तैयारी की जा रही है व सभी श्रद्धालुओं से कार्यक्रम में भाग लेने की अपील की गई है।

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