छत्तीसगढ़ Raipur

कई मांगों के साथ छत्तीसगढ़ के राजधानी में पत्रकार संगठनों का महागठबंधन ,पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठ रही मांग

by admin on | Oct 4, 2024 05:31 AM

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कई मांगों के साथ छत्तीसगढ़ के राजधानी में पत्रकार संगठनों का महागठबंधन ,पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठ रही मांग

कई मांगों के साथ छत्तीसगढ़ के राजधानी में पत्रकार संगठनों का महागठबंधन...!

आवाज दो हम एक हैं... संकल्प के साथ हजारों की संख्या में पत्रकार आए एक मंच पर...पत्रकार एकता की गूंज देश के कई राज्यों तक!

छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा पत्रकारों का ये “महाकुम्भ...“पत्रकार संकल्प महासभा” छत्तीसगढ़ के इतिहास में पत्रकारों के लिए मिल का पत्थर होगा साबित...! 

पत्रकारिता व लोकतंत्र की रक्षा को लेकर पत्रकारों द्वारा  ऐतिहासिक महागठबंधन की हुई शुरुआत...!

छत्तीसगढ़ के राजधानी में प्रदेश व कई राज्यों के हजारों की संख्या में शामिल हुए पत्रकार, प्रतिनिधि मण्डल व पत्रकारों द्वारा राजभवन पहुँच राज्यपाल के नाम सौंपा गया ज्ञापन।।

पत्रकारों के ऊपर हो रहे अत्याचार पर लगाम लगाने के साथ पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की उठ रही मांग।

वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा वह समस्याओं को जाहिर की चिंता..!

"आदित्य गुप्ता"

रायपुर - राजधानी के गॉस मेमोरियल मैदान में 02 अक्टूबर गाँधी जयंती के दिन राजधानी के ग्रास मेमोरियल में आयोजित पत्रकार संकल्प महासभा का कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। पत्रकारों के इस महाकुम्भ में प्रदेश के 30 से भी ज्यादा पत्रकार संगठनों ने हिस्सा लिया और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने सहित पत्रकारों के हितों से सम्बंधित अन्य मांगों को लेकर राजभवन पहुँचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। 02 अक्टूबर दिन बुधवार को ऐतिहासिक रूप से हजारों पत्रकारों ने जोरदार हुंकार भरी। महासभा के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को ज्ञापन सौंपते हुए पत्रकार सुरक्षा, कल्याण और अधिकारों से संबंधित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।महासभा में पारित संकल्प पत्र में प्रमुख रूप से पत्रकार सुरक्षा कानून मीडिया आयोग की स्थापना और पत्रकारों के लिए आवास वेतन स्वास्थ्य एवं पेंशन सुविधाओं जैसे मुद्दों पर विशेष जोर दिया गया। महासभा ने जनहित और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए इन मुद्दों को बेहद आवश्यक बताया।


छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग फिर से चर्चा मे

पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए महासभा ने मीडियाकर्मी सुरक्षा कानून को संशोधित और लागू करने की मांग की। वर्तमान समय में पत्रकारों को असामाजिक तत्वों, माफियाओं, और आपराधिक संगठनों से लगातार धमकियां मिल रही हैं। छत्तीसगढ़ में कई पत्रकारों की हत्या की घटनाएं हुई हैं, जिससे पत्रकार समुदाय में भय का माहौल है। 

मीडिया आयोग की स्थापना करने का भी रखा गया प्रस्ताव

महासभा ने “मीडिया आयोग” के गठन की मांग की, जो पत्रकारिता के बदलते स्वरूप और चुनौतियों का अध्ययन कर उचित सिफारिशें प्रस्तुत कर सके। इसके अलावा, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को भी शामिल करते हुए “मीडिया काउंसिल ऑफ इंडिया” में बदलने की मांग भी उठाई गई। 

पत्रकारों के लिए कल्याणकारी योजनाएं को लेकर उठी मांग

महासभा ने पत्रकारों के कल्याण हेतु कई मांगें रखीं, जिनमें पत्रकार कल्याण कोष, वेतन बोर्ड का गठन, और पत्रकारों को स्वास्थ्य सुरक्षा और पेंशन योजना का लाभ देने पर जोर दिया गया। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले पत्रकारों के लिए उचित वेतन देने की मांग की गई। बहरहाल संयुक्त पत्रकार महासभा ने राज्य सरकार से अपील की है कि पत्रकारों की सुरक्षा और कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। महासभा ने पत्रकारों को आवास, स्वास्थ्य, और पेंशन जैसी सुविधाओं को भी प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया है। महासभा के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन सौंपने के बाद स्पष्ट किया कि यदि इन मांगों पर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो पत्रकार समुदाय को अपने हितों की रक्षा के लिए बड़े आंदोलन की दिशा में कदम उठाना पड़ेगा।


सरकार किसी की भी हो... कठिनाइयों  का सामना करना पत्रकारों के लिए चुनौती

आप सभी को ज्ञात है कि प्रदेशभर में पत्रकारों पर हमले लगातार होते आ रहे हैं। बदसलूकी, मारपीट और झूठे मामलों में फँसा कर जेल भेजने की साजिश अनवरत जारी है। छत्तीसगढ़ में पूर्व में कांग्रेस की सरकार थी और अब भाजपा की सरकार है, परन्तु पत्रकारों की सुरक्षा और हक की चिंता किसी भी सरकार को नहीं है। केवल भाषणों में ही चीख-चीख कर पत्रकारों को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है और उनकी सुरक्षा का ढिंढोरा पीटा जाता है। वास्तव में देखा जाय तो सत्य और न्याय की लड़ाई लड़ने वाले पत्रकारों के ऊपर निरंतर अत्याचार हो रहे हैं, इन्हीं सब बातों को लेकर आज पूरे प्रदेश के हजारों कलमकारों ने रायपुर के ग्रास मेमोरियल में एक मंच पर एकत्रित होकर महासभा का रूप दिया। 

वरिष्ठ एवं पीड़ित पत्रकारों को बोलने के लिए मिला मंच

मंच पर पीड़ित पत्रकारों ने अपनी-अपनी आपबीती साझा की और मंचस्थ वरिष्ठ पत्रकारों ने प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से तत्काल पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की माँग की और पत्रकारों को शासन की ओर से विभिन्न सुविधाएं देने का प्रस्ताव रखा।पत्रकारों के उद्बोधन पश्चात् प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ़ सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर राजभवन पहुँचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दरमियान पीड़ित पत्रकारों ने भी सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपते हुए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जायेगा पत्रकारों का ये महाकुंभ

“पत्रकार संकल्प महासभा” छत्तीसगढ़ के इतिहास में पत्रकारों का ऐसा प्रथम महाकुम्भ साबित हुआ जिसमें छत्तीसगढ़ के समस्त पत्रकारों की एकजूटता दिखाई दी। सभी पीड़ित पत्रकारों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए मंच के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाई और न्याय की गुहार लगाई। अब देखना यह है कि चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले पत्रकारों की इस जायज और बुलंद आवाज पर शासन कब नींद से जागेगी?

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