by admin on | Nov 5, 2024 05:47 PM
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जानलेवा हमला, एकजुटता को लेकर पत्रकारों से हुआ आव्हान...!
चौथा खंभा अगर खतरे में है तो समझिए देश में लोकतंत्र खतरे में है...!
कांकेर थाने में वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी की आंख फोड़ने के साथ अपमानित करने की हुई कोशिश ।
पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ,पत्रकारों पर हमले का मतलब लोकतंत्र पर हमला - आदित्य
"आदित्य गुप्ता"
रायपुर :- भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. जहां सब कुछ लोकतांत्रिक तरीके से होता है. लेकिन इस लोकतंत्र को खड़ा करने के लिए जिन चार स्तंभों का इस्तेमाल होता है, उनमें से एक स्तंभ आज लहूलुहान है. उसकी दरारों से खून रिस रहा है. क्योंकि उस स्तंभ को खड़ा करने वाले पत्रकारों की भारत में आए दिन हत्याएं हो रही हैं, हमले हो रहे ,फर्जी मामले बनाकर जेल भेज दिया जा रहा है उन पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। वैसे ही एक मामला सामने आया है कांकेर से आपको बता दें कि मिलो जानकारी के अनुसार पुरानी रंजिस के चलते दीपावली की रात को वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी के साथ कांकेर थाने के भीतर मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया । पीड़ित के अनुसार थाना के आरक्षक को किसी ने कॉल पर बोला जिसके बाद थाने के भीतर पत्रकार के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया । पत्रकार कमल शुक्ला जी ने बताया कि उनके द्वारा बार-बार बस्तर क्षेत्र के भीतर भोले भाले आदिवासियों नर-संघार के ऊपर पुलिस प्रशासन को इसकी शिकायत की गयी एवं पुलिस प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया गया, जिस कारण पुलिस विभाग के आला अधिकारी द्वारा कांकेर के थाने में फोन के माध्यम से बोला गया कि पत्रकार कमल शुक्ला जो पत्रकार उसकी आंख फोड़ दो और हाथ तोड़ो जिससे कि यह ना लिख पाए ना पढ़ पाए ।कही ऐसा तो नहीं कि पुलिस विभाग को मोहरा बनाकर गृह मंत्री विजय शर्मा जी के खिलाफ षडयंत्र किया जा रहा है, थाने में तब कोई जिम्मेदार अधिकारी नहीं था सब जुआ पकड़ने के लिए अपनी पूरी क्षमता दमखम के साथ लगे हुये थे । क्योंकि थानों की मुख्य कमाई जुआ-सट्टा एवं गांजे के कारोबारी द्वारा इनको कमीशन के रूप में जो पैसा दिया जाता है उनके माध्यम से ने थाना चलता है, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिये जाने वाले वेतन से पुलिस वालों का एवं थानों का किसी प्रकार का कोई भी कार्य नहीं हो पाता है । पूरे कांकेर शहर की लाइट काट दी गई थी क्योंकि कांकेर शहर के थाने के पास एक अवैध रूप से गैस सिलेंडर का व्यापार किया जा रहा था जहां दीपावली के दिन आग लग गई एवं इस घटना से आसपास के तकरीबन हजारों घर प्रभावित हो सकते थे जिस कारण विद्युत विभाग द्वारा पूरे शहर की लाइट काट दी गई और अवैध रूप से चल रहे सिलेंडर के इस व्यापार के ऊपर पत्रकार कमल शुक्ला जी द्वारा विगत कई वर्षों से लगातार शिकायत कांकेर थाने में दिया जा रहा था परंतु कांकेर थाने के आरक्षक एवं प्रभारी को अवैध रूप से सिलेंडर का कारोबार करने वाला दलाल फ्री में सिलेंडर मुहैया करवाता है, जिस कारण पुलिस विभाग इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं किया । वहीं वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला जी ने कहा कि मेरे ऊपर हुए जानलेवा हमले का जिम्मेदार कहानी कांकेर जिला पुलिस अधीक्षक एलेसेला तो नहीं क्योंकि पूर्व समय में वर्तमान पुलिस अधीक्षक कांकेर एलेसेला द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं पत्रकारों के ऊपर बुलडोजर का चलने का बात बोला गया था ।
पत्रकारिता के लिए भारत कितना सुरक्षित
जर्मन न्यूज़ वेबसाइट बीडब्ल्यू की एक खबर के अनुसार, रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स की एक रिपोर्ट कहती है कि भारत पत्रकारिता के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में शामिल है. दरअसल इसी संस्था द्वारा जारी 2021 की वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत को 180 देशों में 142वां स्थान मिला. जो दर्शाता है कि भारत में पत्रकारिता की स्थिति कितनी खराब है।
सोशल मीडिया पर भी पत्रकारों को बनाया जाता है निशाना
पत्रकारों को केवल ग्राउंड पर रिपोर्टिंग करते हुए ही हिंसा का शिकार नहीं होना पड़ रहा है। बल्कि उन्हें अब सोशल मीडिया पर भी निशाना बनाया जाने लगा है. बीते मंगलवार को ही यूनाइटेड नेशंस के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक कार्यक्रम में कहा था कि पत्रकारों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जाता है और उन्हें निशाना बनाया जाता है. हालांकि एंटोनियो गुटेरेस का यह कथन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारों पर हो रहे हमलों के संबंध में था। जिसमें उन्होंने बताया कि साल 2006 से 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार लगभग 1200 से ज्यादा पत्रकारों की हत्या हुई. अकेले 2020 में ही 62 पत्रकारों की हत्या कर दी गई।
बस्तर संभाग के पत्रकारों से किया गया आग्रह...
वरिष्ठ पत्रकार कमल शुक्ला के साथ दीपावली की रात थाने के भीतर मारपीट की घटना को लेकर सोमवार शाम 6:00 बजे कांकेर रेस्ट हाउस में महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई । जिसमें सभी पत्रकारों के सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि बस्तर संभाग स्तरीय धरना प्रदर्शन कांकेर जिला मुख्यालय में दिनांक 06 नवम्बर दिन बुधवार को कांकेर कलेक्ट्रेड रोड अम्बेडकर स्टेच्यू में 12 बजे से प्रदर्शन किया जाना तय हुआ है। सभी बस्तर संभाग के पत्रकारों से आव्हान किया गया है कि पत्रकारिता बचाओ इस आंदोलन में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर इस आंदोलन को सफल बनाए।