by admin on | Nov 14, 2024 01:59 PM
रायपुर -: रेंज साइबर थाना रायपुर ने पंडरी निवासी 58 वर्षीय महिला से 58 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में तीव्र कार्रवाई करते हुए आरोपी को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से ठगी की रकम में से 9.50 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं।
घटना का विवरण
प्रार्थीया एम.वी.एस.एस लक्ष्मी ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि अज्ञात मोबाइल नंबर धारकों ने स्वयं को क्राइम ब्रांच, मुंबई पुलिस के अधिकारी बताकर उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग करते हुए 311 बैंक खातों के खुलने की झूठी जानकारी देकर डराया। आरोपी ने "डिजिटल अरेस्ट" का झांसा देते हुए 24 घंटे तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर जुड़े रहने का दबाव बनाया और इस प्रक्रिया में पीड़िता से 58 लाख रुपये की ठगी की।
इस मामले में थाना पंडरी (मोवा) में अपराध क्रमांक 305/24 धारा 318(4), 3(5) बीएनएस के तहत केस दर्ज किया गया और विवेचना रेंज साइबर थाना रायपुर को सौंपी गई।
तकनीकी साक्ष्य से आरोपी की पहचान
रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री अमरेश मिश्रा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए रेंज साइबर थाना रायपुर को आवश्यक तकनीकी साक्ष्य एकत्र करने, आरोपी की पहचान करने, तथा ठगी की रकम को होल्ड एवं जब्त करने के निर्देश दिए। निर्देशानुसार, रेंज साइबर थाना रायपुर ने त्वरित कार्रवाई कर आरोपी जसविंदर सिंह साहनी (उम्र 58 वर्ष), निवासी राजनंदगांव, को गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से 9.50 लाख रुपये नकद, बैंक खाता विवरण, चेकबुक और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं।
साइबर ठगों की नई रणनीति: "डिजिटल अरेस्ट"
साइबर ठग अब डिजिटल तकनीकों का दुरुपयोग कर उच्च शिक्षित लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने का नया तरीका अपना रहे हैं। ये ठग स्वयं को पुलिस, कस्टम, आयकर या अन्य विभागों के अधिकारी बताकर वीडियो कॉल के माध्यम से "डिजिटल अरेस्ट" का डर दिखाकर रुपये मांगते हैं।
परिजनों को धमकाकर पैसे वसूलना
साइबर ठगों द्वारा परिजनों को कॉल कर उनके बच्चों के पुलिस हिरासत में होने का झांसा देकर रुपये की मांग की जा रही है। विशेष रूप से वे उन अभिभावकों को निशाना बनाते हैं जिनके बच्चे अन्य शहरों में पढ़ाई या नौकरी करते हैं।
सतर्कता और अपील
पुलिस आमजन से अपील करती है कि ऐसी ठगी से बचने के लिए सावधानी बरतें:
बच्चों को हिरासत में लेने की सूचना मिले तो तुरंत उनसे या उनके परिचितों से संपर्क करें।
"डिजिटल अरेस्ट" का दावा करने वाली कॉल को तुरंत काट दें और पुलिस को सूचित करें।
पुलिस अधिकारी या अन्य विभागों का अधिकारी बताकर पैसे मांगने पर साफ मना करें।
अनजान वीडियो कॉल से बचें, क्योंकि ठगों द्वारा झूठे वीडियो बनाकर ठगी करने के मामले बढ़े हैं।
सोते समय मोबाइल का इंटरनेट बंद रखें और अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें ।
किसी भी व्यक्ति के साथ ओटीपी और बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें।
साइबर ठगों के इन तरीकों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।