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स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर एक विशेष शाखा संगम का आयोजन शहर में बना चर्चा का विषय.

by admin on | Jan 13, 2025 04:21 PM

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स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर एक विशेष शाखा संगम का आयोजन शहर में बना चर्चा का विषय.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शताब्दी वर्ष मनाने का खास अंदाज, भव्य शाखा संगम का आयोजन

संघ की यह यात्रा सतत विकास और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक...!

स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर एक विशेष शाखा संगम का आयोजन शहर में बना चर्चा का विषय...!

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों में से एक...!


"आदित्य गुप्ता"

अंबिकापुर :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में अंबिकापुर जिले में स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर एक विशेष शाखा संगम का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक आयोजन में जिले के 64 मंडलों और 20 बस्तियों की कुल 100 शाखाओं ने हिस्सा लिया।

शाखा संगम का उद्देश्य और मुख्य वक्ता का संबोधन

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सह प्रांत कार्यवाह गोपाल यादव ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जो विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक संगठनों में से एक है। संघ के स्वयंसेवक, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। वे बिना किसी प्रचार-प्रसार के, पूर्ण समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।”


शताब्दी वर्ष की विशेषताएं और आगामी योजनाएं

जिला प्रचारक जीतेंद्र शर्मा ने बताया कि यह शाखा संगम, शताब्दी वर्ष में संगठन के विस्तार और सुदृढ़ीकरण का प्रारंभिक चरण है। उन्होंने कहा कि आगामी विजयादशमी के अवसर पर प्रत्येक मंडल में 100 गणवेशधारी स्वयंसेवकों का संचलन आयोजित किया जाएगा। साथ ही, शताब्दी वर्ष के विभिन्न चरणबद्ध कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई और स्वयंसेवकों से समय का अधिकाधिक समर्पण करने का आग्रह किया गया।

विशेष उपस्थिति और आयोजन का संचालन

इस कार्यक्रम का संचालन जिला कार्यवाह सम्पत चंदेल ने किया। कार्यक्रम में विभाग संघ चालक जलजीत सिंह, जिला संघ चालक भगवान दास बंसल, प्रांत के मुख्य मार्ग प्रमुख गौरांग सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही। हजारों की संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों ने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक अवसर बना दिया।


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का योगदान

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने 100 वर्षों की यात्रा में अनेक पड़ाव पार किए हैं और विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों में से एक के रूप में स्थापित हुआ है। संघ की शाखाएं, जहां संस्कारित स्वयंसेवक तैयार किए जाते हैं, संगठन की जीवन शक्ति का स्रोत हैं

शाखा संगम का यह आयोजन न केवल संघ के उद्देश्यों और उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि समाज में उसके योगदान और भविष्य की दिशा को भी दर्शाता है। संघ की यह यात्रा सतत विकास और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है।


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