छत्तीसगढ़ Raipur

भाजपा के बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री पर पत्रकारों के साथ भेदभाव का आरोप...!

by admin on | Jan 16, 2025 04:23 PM

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भाजपा के बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री पर पत्रकारों के साथ भेदभाव का आरोप...!

पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश भर में गूंजा मामला...!

क्या भाजपा के शासनकाल में भी पत्रकार नहीं हैं सुरक्षित ...?

भाजपा के बैतूल जिले के प्रभारी मंत्री पर पत्रकारों के साथ भेदभाव का आरोप...!

बैतूल:- बैतूल जिले में भाजपा के प्रभारी मंत्री के व्यवहार को लेकर पत्रकारों में आक्रोश दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय पत्रकारों का आरोप है कि मंत्री केवल चुनिंदा पत्रकारों को महत्व देते हैं, जबकि अन्य की उपेक्षा की जाती है। यह रवैया न केवल लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता को ठेस पहुंचाता है, बल्कि पत्रकारिता के मूलभूत सिद्धांतों के भी खिलाफ है।


स्थानीय पत्रकारों का कहना है कि वे लंबे समय से इस भेदभाव को सहन कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल पत्रकारों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है। पत्रकारों का मानना है कि चाहे वे किसी भी संस्था से जुड़े हों, उन्हें समान सम्मान और अवसर मिलना चाहिए।

पत्रकारों की मांगे: प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ का महत्त्वपूर्ण कदम

इस विषय में प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के प्रतिनिधियों ने आज एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पत्रकारों की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर कई अहम बिंदु शामिल किए गए।

ज्ञापन में निम्नलिखित मांगे प्रमुख रूप से उठाई गईं:

1. पत्रकारों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार पर रोक लगाई जाए और उन्हें समान अवसर प्रदान किए जाएं।

2. पत्रकारों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करने और उत्पीड़न करने वालों पर कठोर कार्रवाई हो।

3. पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाए जाएं और उनकी शिकायतों पर शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित हो।

4. जिले में पत्रकारों के लिए एक सुव्यवस्थित प्रेस भवन का निर्माण कराया जाए।

5. हर महीने पत्रकारों और प्रशासन के बीच संवाद के लिए बैठक आयोजित की जाए।

प्रभारी मंत्री की चुप्पी पर सवाल

मामले के बढ़ते विवाद के बीच प्रभारी मंत्री की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, यह कयास लगाया जा रहा है कि वे जल्द ही अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। लेकिन उनकी यह चुप्पी पत्रकारों के बीच नाराजगी को और बढ़ा रही है।

प्रेस मीडिया पत्रकार कल्याण संघ के अध्यक्ष ने कहा, "हमारा संघ यह सुनिश्चित करेगा कि पत्रकारों को उनका हक मिले। यदि जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो जिले के पत्रकार सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे।"

प्रदेश भर में गूंजा मामला

यह मामला अब न केवल बैतूल जिले, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। पत्रकारों का यह कदम लोकतंत्र में प्रेस की स्वतंत्रता और गरिमा को बनाए रखने के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए ज्ञापन में पत्रकारों ने स्पष्ट कहा है कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं, तो वे अपनी लड़ाई को बड़े स्तर पर ले जाएंगे।

निष्कर्ष:

पत्रकारों की यह लड़ाई केवल उनके व्यक्तिगत अधिकारों की नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के सूचना के अधिकार को सुरक्षित रखने की भी लड़ाई है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन और प्रभारी मंत्री इस विषय में क्या कदम उठाते हैं।

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