by admin on | Feb 9, 2024 06:49 AM
बिलासपुर- 08 फरवरी 2024 (ए)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक महत्वपूर्ण गारंटी जल्द ही पूरी होने वाली है। इसकी पृष्ठभूमि महाधिवक्ता कार्यालय ने लिखी है। सीजी पीएससी में फर्जीवाड़ा में बीते दिनो आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू ) ने पूर्व चेयरमैन व सचिव सहित अन्य के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है। ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद से ही अब तय हो गया है कि राज्य शासन कभी भी इस पूरे प्रकरण को सीबीआइ के हवाले कर सकती है।
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइंस कालेज मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रदेशवासियों को खासकर युवाओं को आश्वस्त किया था कि राज्य में सरकार बनते ही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की जांच सीबीआइ से कराने की गारंटी दी थी। उनकी यह गारंटी पूरी होते दिखाई दे रही है। सीबीआइ को प्रकरण सौंपने की दिशा में राज्य सरकार सधे कदमों से कार्रवाई कर रही है। कानूनी दावंपेंच में उलझन ना आए इसे देखते हुए राज्य सरकार ने महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत से इस संबंध में कानूनी राय के साथ ही अभिमत भी मांगा था। जानकारी के अनुसार महाधिवक्ता कार्यालय ने सीबीआइ जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ ही छत्तीसगढ़ व देश के प्रमुख हाई कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने,कानूनी जानकारी जुटाने के बाद राज्य शासन को इस संबंध में अपनी राय दी थी। चर्चा इस बात की भी है कि इस संबंध में सरकार को अपना अभिमत भी दिया था। महाधिवक्ता कार्यालय से मिली कानूनी राय और अभिमत के बाद ही ईओडब्ल्यू की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी सहित प्रमुख अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर बड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है साथ ही सीबीआइ को प्रकरण सौंपने की एक बड़ी पृष्ठभूमि भी तैयार कर दी है। कानून के जानकारों का यह भी कहना है कि सीबीआइ जब इस मामले को लेगी और जांच पड़ताल शुरू करेगी तब संबंधितों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराएगी। ईओडब्ल्यू की यह कार्रवाई उनके लिए साक्ष्य और पुख्ता दस्तावेज के रूप में काम आएगा।