by Admin on | Apr 11, 2024 07:43 AM
रायपुर -: चार जून, 2003 को छत्तीसगढ़ का पहला राजनीतिक जग्गी हत्याकांड जितना चर्चित रहा है, उतना ही चर्चित उसका फैसला भी आया। इस मामले में 31 आरोपित बनाए गए थे। दो आरोपित सरकारी गवाह बन गए। 29 आरोपितों पर केस चला। इस मामले के मुख्य आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी को छोड़कर शेष 28 आरोपितों को सजा हुई थी। इनमें तीन पुलिस अधिकारी भी शामिल थे।
आपको बता दे छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड मामले में हाईकोर्ट के निर्देश के बाद कोर्ट में सरेंडर करने सभी आरोपी उपस्स्थित हुए थे। जिला न्यायलय में अवकाश के चलते आरोपियो का सरेंडर टल गया। जिला मजिस्ट्रेट ने आरोपियों को 15 अप्रैल की सुबह 11 बजे उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जग्गी हत्याकांड में कोर्ट ने 27 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट ने जग्गी हत्याकांड के आरोपियों की अपील खारिज करते हुए 28 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा डिवीजन बेंच ने आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। आजीवन कारावास की सजा पाने वालों में दो तत्कालीन सीएसपी और एक तत्कालीन थाना प्रभारी के अलावा याहया ढेबर और शूटर चिमन सिंह समेत अन्य शामिल हैं